Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Feb 2022 · 1 min read

राधिका छंद

?
राधिका छंद: 22 मात्रा, 13-9 पर यति, यति पूर्व पश्चात त्रिकल, आदि वाचिक द्विकल अनिवार्य ।
************************
घनश्याम ! सुना दो आज, मुरलिया प्यारी ।
हम मोर पंख पर प्रभो, जाँय बलिहारी ।।
तुम तीन लोक के नाथ, चुराया माखन ।
मन को तुम लेते चोर, कृष्ण मनमोहन ।।
*
ये हरे-भरे सब वृक्ष, धरा के रक्षक ।
हम काटें इनको रोज, बने हैं भक्षक ।।
अब धैर्य गया है टूट, अवनि अकुलाई ।
हो गये प्रदूषित आज, वायु , जल भाई ।।
*
भर गया पाप का घड़ा, टूटने वाला ।
प्याऊ सम देखो खुलीं, यहाँ मधुशाला ।।
पी-पी कर गिरते लोग, झूमते जाते ।
प्याले में जाने कौन, अमर फल पाते ।।
*
राधे…राधे…!
?
महेश जैन ‘ज्योति’,
मथुरा !
***
???

Language: Hindi
200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all
You may also like:
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
आमावश की रात में उड़ते जुगनू का प्रकाश पूर्णिमा की चाँदनी को
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तस्वीरें
तस्वीरें
Kanchan Khanna
Oh life ,do you take account!
Oh life ,do you take account!
Bidyadhar Mantry
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
*जी रहें हैँ जिंदगी किस्तों में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जूते व जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
जूते व जूती की महिमा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
हर कदम बिखरे थे हजारों रंग,
Kanchan Alok Malu
आप और हम जीवन के सच
आप और हम जीवन के सच
Neeraj Agarwal
पिछली भूली बिसरी बातों की बहुत अधिक चर्चा करने का सीधा अर्थ
पिछली भूली बिसरी बातों की बहुत अधिक चर्चा करने का सीधा अर्थ
Paras Nath Jha
ज्ञात हो
ज्ञात हो
Dr fauzia Naseem shad
आत्महत्या कर के भी, मैं जिंदा हूं,
आत्महत्या कर के भी, मैं जिंदा हूं,
Pramila sultan
Upon waking up, oh, what do I see?!!
Upon waking up, oh, what do I see?!!
Sridevi Sridhar
चित्रकार
चित्रकार
Ritu Asooja
मां बताती हैं ...मेरे पिता!
मां बताती हैं ...मेरे पिता!
Manu Vashistha
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
चर्बी लगे कारतूसों के कारण नहीं हुई 1857 की क्रान्ति
कवि रमेशराज
प्यार की कलियुगी परिभाषा
प्यार की कलियुगी परिभाषा
Mamta Singh Devaa
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
हमें लिखनी थी एक कविता
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
"खुशी मत मना"
Dr. Kishan tandon kranti
*नल (बाल कविता)*
*नल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
जाने के बाद .....लघु रचना
जाने के बाद .....लघु रचना
sushil sarna
प्यार
प्यार
Anil chobisa
राम तुम्हारे नहीं हैं
राम तुम्हारे नहीं हैं
Harinarayan Tanha
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ सब कहते हैं।
राज वीर शर्मा
దీపావళి కాంతులు..
దీపావళి కాంతులు..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
जब कभी तुम्हारा बेटा ज़बा हों, तो उसे बताना ज़रूर
The_dk_poetry
मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मजदूर
मजदूर
Preeti Sharma Aseem
न छीनो मुझसे मेरे गम
न छीनो मुझसे मेरे गम
Mahesh Tiwari 'Ayan'
Loading...