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1 Feb 2024 · 1 min read

राधा शाम की बनी हैं

*वो बांसुरियां देखो तो,
किस की बजीं हैं
वृंदावन मै राधा,
दिवानी हुई हैं

बंसी बजानेवाला,
कहीं श्याम तो नहीं है
मीरा के मन मैं क्यूँ ये,
उमंग जगी हैं

दिल में बसी है राधा,
मीरा तो भोली है
कहते है लोग सारे,
राधा शाम की बनी हैं

मुकम्मल है इश्क दुनिया में ,
वो तुझ से खुदा हैं
सिखाया हैं तूने हम को जो,
कहें कैसे बुरा हैं*

Language: Hindi
71 Views

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