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29 Mar 2021 · 1 min read

राधा कृष्ण की होली

राधा-कृष्ण की होली

तुम बरसाओ मुझ पर प्रीत के रंग
बन जाऊं राधा मैं तेरा किशन
तुम धरा की मिट्टी के लो सारे रंग
मैं आसमान का नीला वर्ण।

तुम खेतों में बन सरसों की फसल
मधुर भावों से हृदय पुलकित कर
मैं बन मन का पीतांबर रंग
करुं दिव्य प्रेम से आलोकित पल।

तुम हिमाच्छादित शिखरों से बहता जल
निर्मल,पवित्र बन बढ़ती चल
मैं आदित्य की किरणों सा, मिलकर तुमसे
हो जाऊं प्रतिबिंबित प्रखर।

तुम पुष्पों का कर हृदय स्पर्श
अपना लो होली के रंग सहस्र
मैं बन पंछियों का मधुर कलरव
कण कण में बस जाऊं, बन तेरा मुरलीधर।

तुम प्रकृति के विविध रंगों में
जिसे चाहे प्रकाश में वर कर लो
बस संध्या आते ही, हे राधा
अपने श्याम को भी, स्वयं में समाहित कर लो।

Language: Hindi
2 Comments · 356 Views

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