राधा की भक्ति
राधा की कृष्ण भक्ति की धारा,
अविरल प्रेम से भीगा जग सारा।
अनन्य भक्ति की वह परिचायक,
श्रीकृष्ण ही हैं उनके नायक।
उनके तन-मन में वही समाए ,
कृष्ण-कृष्ण ही धड़कन गाए।
ग्वाल संग गोपाल बरसाने को जाए,
होली में रंग तभी तो आए ।
प्रेम का रंग सभी पर छाए,
रंग का उमंग सभी को भाए।
प्रियतम की भक्ति ,भक्त का प्रेम,
भक्ति के इस रूप से सबका योगक्षेम।