रात हैं अंधेरी
रात हैं अंधेरी देखो रात ये अंधेरी।
ख़ामोशी का अहसास हैं कराती ये रात।
मन में नए विचार हैं लाती ये रात।
मन में अजीब सी शान्ति जगाती ये रात।
चंद्रमा की खूबसूरती बिखेरे ये रात।
काम समाप्ति का आभास कराती ये रात।
लोगों के दिनभर का दर्द मिटाती ये रात।
लोगों को मधुर सपने दिखाती है ये रात।
परिवार की एकता दिखाती हैं ये रात।
भूत प्रेतों का भी जन्मदाता है ये रात।
अमावस्या में डरा ही देती हैं ये रात।
दिनभर का तनाव भी हटाती ये रात।
सोचने समझने की शक्ति बढ़ाएं ये रात।
सुकून की नींद भी दिलाती हैं ये रात।
सबको घर जाना सीखाती है ये रात।
टाटा और अंबानी जैसे लोग हैं बनाती ये रात।
बच्चों को मेहनत करना सिखाती है ये रात।
विश्व सुंदरता निखार ही देती हैं ये रात।
दिवाली में दियों से जगमगाती है ये रात।
तैव्हारों की खुशियां दिलाती हैं ये रात।
अविचल, शांत और स्थिर आसमा दिखाती ये रात।
खोए मन को दिशा हैं दिखाती हैं ये रात।
ठंडी ठंडी, मंद मंद पवन चलाती हैं ये रात।