– रातो की खामोशी –
– रातो की खामोशी –
दिन तो जैसे तैसे गुजर जाता,
रातों की खामोशी तड़पाए,
तेरी याद मुझको हर पल दिलाए,
नींदे मेरी उड़ाए,
हर पल आंखो के सामने तेरा ही चेहरा नजर आए,
आंखे मेरी धुंधली हो जाए धुंधला सा नजर मुझे आए,
रात की चांदनी रोशनी में तू ही मुझे दिख पाए,
दिन तो जैसे तैसे गुजर जाता,
रातों की खामोशी तड़पाए,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान