रातें
रात अभी जवान है,
बीत गई शराब और शबाब में,।
रात अभी जवान है,
बीत गई आहें भरने और तारे गिनने में।
रात अभी जवान है,
बीत गई थपकियों और लोरियों में।
रात अभी जवान है,
बीत गई मैथ्स और फिजिक्स के फार्मूलों में।
रात अभी जवान है,
बीत गई आंखों में कल के रोटी की आस में।
सभी की अपनी – अपनी रातें,
कहती हैं एक कहानी ये रातें।
दिन के उजाले ही नहीं,
हालात और सच भी बयां करती हैं रातें।