Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

“रातरानी”

मुझमे जाने कितनी महक समायी,
अरे मैं हूँ रात्ररानी ।
आहट होते ही मचल जाती हूँ,
आकाश तक चली जाती हूँ ।

सुवासित करे जो रोम से प्राण तक,
नेह के भाव में , राग अनुराग में ।
एक फूल हूँ रात के बाग में,
रातरानी और महक एक राग में ।

तुम फलक पर चांद बनकर रोशनी देते रहो,
मैं महकती सी रहूं तेरी रात में ।
बेल, बूटे और फूल बाग सो जाते है सभी,
रातरानी जगे फिर भी रात में ।

डसे काली रात मुझे रात भर,
फिर भी डरती नही रात्ररानी कहे ।
एक व्याकुल प्रतीक्षा एक फूल की,
हाथ पकड़े पवन की कहे ।

चांद, सूरज के सतरंगी रंगों से,
मैं महावर एड़ियों में लगाती रही ।
बाँसुरी के गीत से तुम बुला लो मुझे,
रात्ररानी कहो या कहो चांदनी ।

पांव से शीश तक गीत ही गीत हूं,
एक पागल हृदय की प्रीत हूं ।
रात महके, महक की हो तुम स्वामिनी,
रात हौले से आये मेरी रातरानी ।।

लेखिका:- एकता श्रीवास्तव✍️
प्रयागराज

109 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ekta chitrangini
View all
You may also like:
कैसे कह दूँ ?
कैसे कह दूँ ?
Buddha Prakash
शुभ् कामना मंगलकामनाएं
शुभ् कामना मंगलकामनाएं
Mahender Singh
संसार में
संसार में
Brijpal Singh
आज किसी का दिल टूटा है
आज किसी का दिल टूटा है
Rajender Kumar Miraaj
मुझको तो घर जाना है
मुझको तो घर जाना है
Karuna Goswami
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
बाल कविता: मुन्ने का खिलौना
Rajesh Kumar Arjun
दुश्मनों से नहीं दोस्तों से ख़तरा है
दुश्मनों से नहीं दोस्तों से ख़तरा है
Manoj Mahato
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
यदि मैं अंधभक्त हूँ तो, तू भी अंधभक्त है
gurudeenverma198
शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।
शराब नहीं पिया मैंने कभी, ना शराबी मुझे समझना यारों ।
Dr. Man Mohan Krishna
हिन्दी दोहे- चांदी
हिन्दी दोहे- चांदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
म्हारो गांव अर देस
म्हारो गांव अर देस
लक्की सिंह चौहान
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
दे संगता नू प्यार सतगुरु दे संगता नू प्यार
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
18, गरीब कौन
18, गरीब कौन
Dr .Shweta sood 'Madhu'
जीवन को आसानी से जीना है तो
जीवन को आसानी से जीना है तो
Rekha khichi
हंसना रास न आया
हंसना रास न आया
Ashok deep
चाहे कितने भी मतभेद हो जाए फिर भी साथ बैठकर जो विवाद को समाप
चाहे कितने भी मतभेद हो जाए फिर भी साथ बैठकर जो विवाद को समाप
Ranjeet kumar patre
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
दौड़ना शुरू करोगे तो कुछ मिल जायेगा, ठहर जाओगे तो मिलाने वाल
Ravikesh Jha
*अपने पैरों खड़ी हो गई (बाल कविता)*
*अपने पैरों खड़ी हो गई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
शेखर सिंह
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
manjula chauhan
कल्पित
कल्पित
Mamta Rani
3391⚘ *पूर्णिका* ⚘
3391⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
समुन्दर को हुआ गुरुर,
समुन्दर को हुआ गुरुर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
दुःख इस बात का नहीं के तुमने बुलाया नहीं........
shabina. Naaz
कान्हा वापस आओ
कान्हा वापस आओ
Dr Archana Gupta
उसकी आवाज़ हरेक वक्त सुनाई देगा...
उसकी आवाज़ हरेक वक्त सुनाई देगा...
दीपक झा रुद्रा
"देश के इतिहास में"
Dr. Kishan tandon kranti
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
𑒧𑒻𑒟𑒱𑒪𑒲 𑒦𑒰𑒭𑒰 𑒮𑒧𑓂𑒣𑒴𑒩𑓂𑒝 𑒠𑒹𑒯𑒏 𑒩𑒏𑓂𑒞 𑒧𑒹 𑒣𑓂𑒩𑒫𑒰𑒯𑒱𑒞 𑒦 𑒩𑒯𑒪 𑒁𑒕𑒱 ! 𑒖𑒞𑒻𑒏
DrLakshman Jha Parimal
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
Loading...