“राज मौत का” #100 शब्दों की कहानी#
कॉलोनी में बहुत हिम्मती-चाची रहतीं , जिन्हें साधचाची के नाम से पुकारते थे । वे अस्पताल में नर्स थी , मुस्कराते हुए हर कार्य करने में माहिर । मुझे हमेशा परीक्षा में अव्वल आने हेतु प्रोत्साहित करती, कहतीं बेटी अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक सेब रोज सुबह खाना चाहिए, जिससे हीमोग्लोबिन बढ़ता है ।
याद है मुझे उनके पेट पर गरम चाय गलती से छलक गई, जख्म भी स्वयं ही ठीक किया ।
अचानक से होली के दिन ब्लाॅक में जोर से आवाज़ आई, मैं गई देखने, उनको पूरा जला पाया, उनकी मौत का राज हम कभी नहीं जान पाये।