राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
हमने आखिरी तक आवाज को बुलंद रहने दिया
तमाशा ए शहर में कीमत लगाने निकल गए लोग
मगर हमने खुद को आईने में ही बंद रहने दिया
✍️कवि दीपक सरल☑️
राज जिन बातों में था उनका राज ही रहने दिया
हमने आखिरी तक आवाज को बुलंद रहने दिया
तमाशा ए शहर में कीमत लगाने निकल गए लोग
मगर हमने खुद को आईने में ही बंद रहने दिया
✍️कवि दीपक सरल☑️