Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

राज्यतिलक तैयारी

चौपाई

मंगल भवन अमंगल हरी , देश विदेश में चर्चा भारी |
आ रही है राम सवारी , राज्यतिलक की फूल तैयारी ||

अयोध्या में है फूल तैयारी , आवत होई है अवधविहारी |
देश विदेश के नर व नारी ,देखन आए राज्यतिलक तैयारी ||

राम सिया लक्ष्मण भैया ,रहत रहे तिरपाल की छैया |
अब जा कर साकार हुआ , मंदिर वही बनकर तैयार हुआ ||

न जाने कितने संघर्ष हुए , कितने प्राणों के बलिदान हुए |
तब जाकर शुभ घड़ी आई है , राम राजा बने बधाई है बधाई है ||

दोहा

शुक्ल पक्ष तिथि द्वदशी तारीख 22 सोमवार |
पौष माघ जनवरी 24 प्रतिष्ठित होंगे राम सपरिवार ||

नीरज मिश्रा ” नीर ” बरही मध्य प्रदेश

94 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अतीत - “टाइम मशीन
अतीत - “टाइम मशीन"
Atul "Krishn"
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
खुदा किसी को किसी पर फ़िदा ना करें
$úDhÁ MãÚ₹Yá
लोग कब पत्थर बन गए, पता नहीं चला,
लोग कब पत्थर बन गए, पता नहीं चला,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गर्मी और नानी का घर
गर्मी और नानी का घर
अमित
मैं बंजारा बन जाऊं
मैं बंजारा बन जाऊं
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
जिनके बिन घर सूना सूना दिखता है।
जिनके बिन घर सूना सूना दिखता है।
सत्य कुमार प्रेमी
"आज तक"
Dr. Kishan tandon kranti
थोड़ी सी बरसात हो ,
थोड़ी सी बरसात हो ,
sushil sarna
सत्य
सत्य
Seema Garg
3295.*पूर्णिका*
3295.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Tarun Singh Pawar
सीख
सीख
Sanjay ' शून्य'
किसने कहा कि हँसते हुए चेहरे हमेशा खुशनुमा रहते हैं
किसने कहा कि हँसते हुए चेहरे हमेशा खुशनुमा रहते हैं
Rekha khichi
𝕾...✍🏻
𝕾...✍🏻
पूर्वार्थ
....????
....????
शेखर सिंह
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
* थके नयन हैं *
* थके नयन हैं *
surenderpal vaidya
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
Phool gufran
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
अगर जीवन मे कुछ नहीं हो रहा है यानि सफ़लता नहीं मिल रही है त
अगर जीवन मे कुछ नहीं हो रहा है यानि सफ़लता नहीं मिल रही है त
रुपेश कुमार
# जय.….जय श्री राम.....
# जय.….जय श्री राम.....
Chinta netam " मन "
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
कभी जिस पर मेरी सारी पतंगें ही लटकती थी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
मैं  ज़्यादा  बोलती  हूँ  तुम भड़क जाते हो !
मैं ज़्यादा बोलती हूँ तुम भड़क जाते हो !
Neelofar Khan
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
भोर के ओस!
भोर के ओस!
कविता झा ‘गीत’
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
Ashwini sharma
जमाना खराब हैं....
जमाना खराब हैं....
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
प्रेम एक्सप्रेस
प्रेम एक्सप्रेस
Rahul Singh
Loading...