Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 May 2024 · 1 min read

“राज़ खुशी के”

जो है अभी पास उनके साथ में खुश रहो।
जो चले गए हैं दूर उनके याद में खुश रहो।
दिल दुखाने का ज़िम्मा तो जमाने ने ले रखा है,
जैसे भी हो बस हर हाल में खुश रहो।

जो बख्शा है खुदा ने,हर सौगात में खुश रहो।
‘कुछ’ मिल ना पाए तो ‘और कुछ’ की आस में खुश रहो।
मिल ही ना पाए जो उनके ख्यालात में खुश रहो।
दिल दुखाने का ज़िम्मा तो जमाने ने ले रखा है,
जैसे भी हो बस हर हाल में खुश रहो।

जैसा भी था कल बीत गया अपने आज में खुश रहो
अच्छा हो या बुरा हो,हर मिजाज में खुश रहो।
जो लकीरों में ही नहीं उनके फरियाद में खुश रहो।
कोई मांगे होंगे तुम्हारी भी खुशी, उनके मुराद में खुश रहो।
दिल दुखाने का ज़िम्मा तो जमाने ले रखा है,
जैसे भी हो बस हर हाल में खुश रहो

जब तक न हो जाए गम बेहद, हद ए बरदाश्त में खुश रहो।
ज़रा छलकना भी होता है जरूरी, कभी इन नजरों की बरसात में खुश रहो।
दिल दुखाने का ज़िम्मा तो जमाने ने ले रखा है,
जैसे भी हो बस हर हाल में खुश रहो, हर हाल में खुश रहो।

ओसमणी साहू ‘ओश’ रायपुर (छत्तीसगढ़)

1 Like · 66 Views

You may also like these posts

शब्द पिरामिड
शब्द पिरामिड
Rambali Mishra
3199.*पूर्णिका*
3199.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
बह्र 2122 1122 1122 22 अरकान-फ़ाईलातुन फ़यलातुन फ़यलातुन फ़ेलुन काफ़िया - अर रदीफ़ - की ख़ुशबू
Neelam Sharma
Dear myself,
Dear myself,
पूर्वार्थ
पाती
पाती
डॉक्टर रागिनी
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
sp99जीवन है पहेली
sp99जीवन है पहेली
Manoj Shrivastava
ज़िन्दगी का मुश्किल सफ़र भी
ज़िन्दगी का मुश्किल सफ़र भी
Dr fauzia Naseem shad
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
एहसास कभी ख़त्म नही होते ,
शेखर सिंह
"बिलखती मातृभाषा "
DrLakshman Jha Parimal
तुम्हीं मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत हो।
तुम्हीं मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत हो।
Rj Anand Prajapati
मुक्तक...
मुक्तक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मां कूष्मांडा
मां कूष्मांडा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हमेशा की नींद सुला दी गयी
हमेशा की नींद सुला दी गयी
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
गौरव से खिलवाड़
गौरव से खिलवाड़
RAMESH SHARMA
शेख़ लड़ रओ चिल्ली ते।
शेख़ लड़ रओ चिल्ली ते।
*प्रणय*
- हम दोनो अनजान बन गए एक दूसरे की जान -
- हम दोनो अनजान बन गए एक दूसरे की जान -
bharat gehlot
मेरे प्रेम पत्र 3
मेरे प्रेम पत्र 3
विजय कुमार नामदेव
ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
ग़ज़ल _ इस जहां में आप जैसा ।
Neelofar Khan
कौन हूं मैं?
कौन हूं मैं?
Rachana
सागर में मोती अंबर में तारा
सागर में मोती अंबर में तारा
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कोडेनार का थाना क्षेत्र
कोडेनार का थाना क्षेत्र
Dr. Kishan tandon kranti
"बहनों के संग बीता बचपन"
Ekta chitrangini
बस तेरे होने से ही मुझमें नूर है,
बस तेरे होने से ही मुझमें नूर है,
Kanchan Alok Malu
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई
वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
(हमसफरी की तफरी)
(हमसफरी की तफरी)
Sangeeta Beniwal
क्या मिला तुझको?
क्या मिला तुझको?
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
सौगात   ...
सौगात ...
sushil sarna
लिखूं कविता
लिखूं कविता
Santosh kumar Miri
Loading...