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18 Apr 2024 · 1 min read

राजनीति पर दोहे

वादों की बौछार सब, नेता करते आज।
वोट उसी को दीजिए, करे देशहित काज।।//1

जाति धर्म अरु क्षेत्र को, भूल डालिए वोट।
लालच का हो त्याग जब, मिटे हृदय से खोट।।//2

अपना देश महान तब, हम भी बने महान।
भूल स्वयं को हम चलें, मूढ मूर्ख अनजान।।//3

जिसके हृदय प्रपंच हो, नेता वह शैतान।
झूठ लूट अरु फूट से, हज़्म करे जन जान।।//4

राजनीति के खेल में, बदले समय उसूल।
काँटों से अनुकूलता, फूलों के प्रतिकूल।।//5

मुस्तक़बिल की बात तो, सुना समय अभिमान।
शक्तिहीन कर वक़्त को, भूले हद इंसान।।//6

सत्ता का करके नशा, ख़ोद रहा निज क़ब्र।
सबके दिल में वह बसा, जिसको भाया सब्र।।//7

आर आर.एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
62 Views
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