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11 Sep 2024 · 1 min read

राजनीति के फंडे

राजनीति के फंडे भी बड़े अजीब हैं ,
सत्ता की होड़ में नेता एक दूसरे की
टांग खींचते रहते हैं ,
अपना कद दूसरे के कद से बड़ा करने की
कोशिश में लगे रहते हैं ,

एक चोर दूसरे को चोर कहता है ,
अपने आप को महान बताता है ,

हकीकत में ये सब चोर , लुटेरे ,
बटमार , एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं ,

इन्होंने अपने -अपने अंध भक्तों की फौज
खड़ी कर ली है ,
जो दिन- रात इनकी शान में कसीदे पढ़कर
महिमामंडन करती रहती है ,

इनमें से कुछ ने तो अपने आप को
मसीहा मान लिया है ,
कुछेक ने तो खुद को ,
भगवान का अवतार ही घोषित कर दिया है ,

इस मसीहा बनने और भगवान के अवतार कहलाने
की दौड़ में इंसानियत कुछ पीछे छूट गई है ,
सियासत के जुनून में हैवानियत सर चढ़कर
बोल रही है ,

आम आदमी राजनीति का मोहरा बनकर
रह गया है.
मूकदर्शक बना इस त्रासदी को दिन- रात
झेल रहा है।

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