रागनी न०:- 32 जिंदगी की शाम, एक दिन तेरी हो जागी
भजले नै राम नाम, ना तै देरी हो जागी,
जिंदगी की शाम, एक दिन तेरी हो जागी..!!टेक!!
अंहकार का त्याग करकै, दान पुण्य मै ध्यान ला,
छोड़दे निंदा चुगली करणी, खोज संता का ज्ञान ला,
कमा मान सम्मान ला, या काया कावेरी हो जागी..!!१!!
इस झुठी बोर बढाई का, कुछ ना फल मिलै
करले धर्म जगत मै, यो करा कर्म साथ चलै,,
सत् ज्योत सदा जलै, याहे गुड़गामा बेरी हो जागी..!!२!!
माया की झलक देख, क्यू भुल गया मर्याद नै,
खाली पड़ैगा जाणा, छोड़ कै सारी जायदाद नै,
संस्कार दे औलाद नै, माला पास फेरी हो जागी..!!३!!
हटकै ले ले संभला, या जिंदगी गई आधी बीत,
गुरु कपीन्द्र शर्मा कहै, इब मतना देख अतीत,
न्यू ए गाये जा मनजीत, ज्ञान की ढेरी हो जागी..!!४!!
रचनाकार:- पं० मनजीत पहासौरिया
फोन नं०:- 9467354911