राखी रे दिन आज मूं , मांगू यही मारा बीरा
(शेर)- भूल मत जाजै बीर मारा, थारी बहण री या बात।
रखजै थारी बहण री लाज, देकर हमेशा तू साथ।।
लग जावै मारी उम्र भी तनै, भगवान सूं यही मांगू मूं।
रखजै बहण रे माथे हमेशा, बीरा मदद रो थारो हाथ।।
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राखी रे दिन आज मूं , मांगू यही मारा बीरा।
भगवान रखे सुखी तनै, हमेशा मारा बीरा।।
राखी रे दिन आज मूं ————————-।।
माँ जायो है बीर तू मारो, तू मारी शान है।
थारे बिना मूं बीर अकेली, तू मारी जान है।।
भगवान तनै लम्बी उम्र दे, सच कहूं मारा बीरा।
राखी रे दिन आज मूं ———————–।।
भाई- बहण रो प्रेम, बंध्यो है इण राखी मं।
नहीं कोई लोभ- लालच, बीरा इण राखी मं।।
थारी बहण री लाज सदा, रखजै तू मारा बीरा।
राखी रे दिन आज मूं ———————–।।
राम जस्यो तू मारो बीर, जानकी सी भाभी मारी।
सुभद्रा जस्सी कान्हा समझ, तू मनैं बहण थारी।।
थारी बहण सुगना रो प्यार, मत भूलजै मारा बीरा।
राखी रे दिन आज मूं ————————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)