Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Aug 2024 · 1 min read

राखी यानी रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा

राखी यानी रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार साल 2024 में 19 अगस्त को है। राखी का त्योहार का संबंध आमतौर पर भाई-बहनों के स्नेह और प्रेम से माना गया है क्योंकि इस त्योहार में बहनें अपने भाइयों की कलाई में रेशम की डोर जिसे राखी कहते हैं बांधती है और भाई की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना करती है।रक्षाबंधन की ढेर सारी बधाईयां,ये त्यौहार आपके जीवन में खुशियों के रंग भर दे,भाई-बहन का प्यार हमेशा बना रहे।🙏🙏💐💐

26 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/28.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
सच तो हम सभी होते हैं।
सच तो हम सभी होते हैं।
Neeraj Agarwal
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
Shashi Dhar Kumar
जीते जी होने लगी,
जीते जी होने लगी,
sushil sarna
नम्रता
नम्रता
ओंकार मिश्र
देश भक्ति
देश भक्ति
Santosh kumar Miri
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
उनका शौक़ हैं मोहब्बत के अल्फ़ाज़ पढ़ना !
शेखर सिंह
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
क़त्ल कर गया तो क्या हुआ, इश्क़ ही तो है-
Shreedhar
एक बार होता है
एक बार होता है
Pankaj Bindas
ପରିଚୟ ଦାତା
ପରିଚୟ ଦାତା
Bidyadhar Mantry
खरीद लूंगा तुझे तेरे नखरों सहित ऐ जिन्दगी
खरीद लूंगा तुझे तेरे नखरों सहित ऐ जिन्दगी
Ranjeet kumar patre
ताप जगत के झेलकर, मुरझा हृदय-प्रसून।
ताप जगत के झेलकर, मुरझा हृदय-प्रसून।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
Neeraj Naveed
होलिका दहन कथा
होलिका दहन कथा
विजय कुमार अग्रवाल
*यौगिक क्रिया सा ये कवि दल*
*यौगिक क्रिया सा ये कवि दल*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
संसार में मनुष्य ही एक मात्र,
नेताम आर सी
कर्म का फल
कर्म का फल
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
बस इतना सा दे अलहदाई का नज़राना,
ओसमणी साहू 'ओश'
रम्मी खेलकर लोग रातों रात करोड़ पति बन रहे हैं अगर आपने भी स
रम्मी खेलकर लोग रातों रात करोड़ पति बन रहे हैं अगर आपने भी स
Sonam Puneet Dubey
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
पापा का संघर्ष, वीरता का प्रतीक,
Sahil Ahmad
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
किसी के अंतर्मन की वो आग बुझाने निकला है
कवि दीपक बवेजा
"पल-पल है विराट"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ तो उन्होंने भी कहा होगा
कुछ तो उन्होंने भी कहा होगा
पूर्वार्थ
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
Ravi Prakash
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
मेरी जिंदगी भी तुम हो,मेरी बंदगी भी तुम हो
कृष्णकांत गुर्जर
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
साक्षात्कार स्वयं का
साक्षात्कार स्वयं का
Pratibha Pandey
* नाम रुकने का नहीं *
* नाम रुकने का नहीं *
surenderpal vaidya
सारे एहसास के
सारे एहसास के
Dr fauzia Naseem shad
Loading...