Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 2 min read

“राखी के धागे”

सारे जग में सबसे प्यारा भाई बहन का प्यार है,
रेशम के धागे से बना अनुपम ये त्योहार है।

प्रीत से बना है यह धागा,
स्नेह भरा बहन का उपहार है।

सारे जग में सबसे सच्चा ,
भाई बहन का प्यार है।

सावन की बारिश की बूंदे,
भाई के सिर पर अक्षत सा पड़ता।

रक्षाबन्धन का ये डोर,
पवित्र ,पावन है बेजोड़।

तोड़े से भी ना टूटे ये ऐसा मन का बन्धन है,
दुनिया जिसको कहती रक्षाबंधन है।

तुम भी भाई मान सदा रखना,
राखी के दिन जुदा मत रखना।

रुपया पैसा कुछ ना चाहूँ बोले मेरी ये राखी,
प्यार मिले हमको मायके से बस इतना है काफी।

तेरे लंबी उम्र की है ये राखी,
बहन के प्यार की पवित्र धुआँ है राखी।

बचपन की चित्रहार है राखी,
रिश्तों की मीठी एहसास है राखी।

मेरे दिल की जज़्बात है राखी,
भाई बहन की परस्पर विश्वास है राखी।

अटूट प्रेम का भाव बिखराती है राखी,
शब्दों की नही पवित्र उपवास है राखी।

हाथ पर तेरे जो सजे राखी का ताज,
मेरे लिए सबसे बड़ा दिन है आज।

आज बड़े प्रेम से चंदन चौक बनाई हूँ,
आज इसके ऊपर भैया तुझे बिठाई हूं।

मन ही मन कहती हूं लाज हमारी रखना ,
राखी मेरी बोली भैया रक्षा मेरी करना।

सभी मनोरथ संपूर्ण तुम्हारे हो,
राखी बस तू कर इतना काम।

सारे रिश्ते स्वार्थ के दहलीज़ तक है,
भाई बहन का निःस्वार्थ रिश्ता अजीज है।

हर घर मे प्यारा भाई हो,
द्रौपदी का रक्षक जैसे कृष्ण कन्हाई हो।

युग युग जियो मेरे भाई फलो फूलो तुम जीवन मे,
खुशियों से भरपुर रहो, सदा घर के आँगन में।

जब तक सूरज चाँद रहे,गंगा जमुना में बहे पानी,
तब तक रक्षा रहे, बहन कामना करे तुम्हारी ।

इस रिश्ते का कोई नही है मोल,
राखी के धागे हैं बड़े अनमोल।।

लेखिका:- एकता श्रीवास्तव।
प्रयागराज✍️

Language: Hindi
2 Likes · 240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ekta chitrangini
View all
You may also like:
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
शीर्षक :मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
रंगीला संवरिया
रंगीला संवरिया
Arvina
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ६)
Kanchan Khanna
बिखर के भी निखरना है ,
बिखर के भी निखरना है ,
Neeraj kumar Soni
3975.💐 *पूर्णिका* 💐
3975.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
कहो उस प्रभात से उद्गम तुम्हारा जिसने रचा
कहो उस प्रभात से उद्गम तुम्हारा जिसने रचा
©️ दामिनी नारायण सिंह
बादलों की, ओ.. काली..! घटाएं सुनो।
बादलों की, ओ.. काली..! घटाएं सुनो।
पंकज परिंदा
वक्त सबको मिलता है अपना जीवन बदलने के लिए
वक्त सबको मिलता है अपना जीवन बदलने के लिए
पूर्वार्थ
सोन चिरैया
सोन चिरैया
Mukta Rashmi
*लड़ने से कुछ लाभ नहीं है, बुरा कहे जो कहने दो (हिंदी गजल)*
*लड़ने से कुछ लाभ नहीं है, बुरा कहे जो कहने दो (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
याद रखना कोई ज़रूरी नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
मच्छर
मच्छर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
विषय : बाढ़
विषय : बाढ़
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
पिता, इन्टरनेट युग में
पिता, इन्टरनेट युग में
Shaily
2122 1212 22/112
2122 1212 22/112
SZUBAIR KHAN KHAN
*दिल चाहता है*
*दिल चाहता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
■आज का सच■
■आज का सच■
*प्रणय*
"UG की महिमा"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
उस जैसा मोती पूरे समन्दर में नही है
उस जैसा मोती पूरे समन्दर में नही है
शेखर सिंह
जब-जब निज माता को छोड़,
जब-जब निज माता को छोड़,
पंकज कुमार कर्ण
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
तेरे संग बिताया हर मौसम याद है मुझे
Amulyaa Ratan
"अवमानना"
Dr. Kishan tandon kranti
विनती मेरी माँ
विनती मेरी माँ
Basant Bhagawan Roy
हम कितने आजाद
हम कितने आजाद
लक्ष्मी सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Dr. Sunita Singh
एहसास के सहारे
एहसास के सहारे
Surinder blackpen
Loading...