राखी का त्योहार हैं आया
रक्षाबन्धन के पावन अवसर पर एक छोटी-सी कविता ।
शीर्षक:-राखी का त्योहार हैं आया ।
काफी इंतजार के बाद हैं सावन आया,
संग अपने राखी का त्योहार है लायाँ।
चलों चले सब खुशियाँ मनाएँ,
भाई-बहन का त्योहार है आया।
भाइयों के चेहरे खिले हैं देखो ,
मने में सुंदर दृश्य है छायाँ ।
प्यारी बहनों से राखी बंधवाने का,
दिल में प्यारा सा आनंद है संजोया।
साफ सुथरा हर मैदान हुआ है,
हर घर में हैं खूब रौनक छायाँ।
कहीं बहनें तो कहीं भाइयों ने,
एक दूजे के स्वागत में हैं जान लगाया।
बहनों की खुशी भी इसी में हैं ,
भाइयों से उपहार का दिन हैं आया।
दूर रह रहे भाई-बहनों ने भी,
इस दिन एक दूजे से आस है लगायाँ ।
मौलिक और स्वरचित।
✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️खुश्बू खातून