राखी एक पवित्र बंधन
राखी एक पवित्र बंधन
एक अनोखा एक अलग सा, पवित्र ये बंधन है,
एक विश्वास एक समर्पण, हर रिश्ते का आबंधन है,
कोई जात ना पात यहाँ पर, बस एक प्यारा सा है अहसास,
बहन- भाई का रिश्ता ऐसा ,सारी दुनिया मे है खास,
नन्ही सी गुड़िया बनकर जब, मैं इस दुनिया मे आई थी,
भाई की ताकत पे अपने मोहल्ले मे धाक जमाई थी,
भाई अपनी बहनों की सारी जिद पूरी कर देता है ,
माँ-बाबा की डाँट भी अपने सर ले लेता है ,
बहनें होती हैं कितनी खास,सूने जीवन मे खुशियाँ भर देती हैं,
सारी नज़र बलाऐं चुन-चुनकर, पल भर मे ले लेती हैं,
राखी के जब पवित्र पर्व पे, जब हाथ कलाई सजती है ,
खुशियों की सारी सौगातें जीवन मे भर देती हैं,
बहनें जब डोली चढ़कर अपने पीहर से जाती हैं,
दिल से देती लाख दुआऐं फिर आगे बढ़ जाती हैं,
भाई जब प्यारी बहना को रक्षा का विश्वास दिलाता है,
बहन के चारों तरफ एक सुरक्षा कवच बनाता है,
बना रहे अनमोल ये रिश्ता,बना रहे रिश्तों का सम्मान,
मेरी इतनी छोटी सी विनती तुम सुन लेना है भगवान !!