रहते हो हर पल उदास
रहते हो हर पल उदास
रहते हो हर पल उदास,,
पर जाने कैसे कविता,,
सृजन कर लेते हो।
सुंदर सुंदर अल्फाज़ो में,,
तुम अपनी बात हमसे कह लेते हो।
हमे नही आता ऊँची उड़ान भरना ,,
तुम जाने कैसे सोच उड़ान की भर लेते हो।
आज नही तो कल,,
खुश हो ही जाओगे,,
जाने कैसे हरपल को,,
अभी जी लेते हो।
नाजुक दौर गुजर ही जायेगा,,
पर सुख दुःख में खुद को,,
सबल कैसे दे लेते हो।
सोनु तो सोच सोच हो जाती है हैरान,,
तुम बिना चहल पहल के कैसे रह लेते हो।
गायत्री सोनु जैन