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13 Oct 2021 · 1 min read

रश्क की इंतेहा ( बॉलीवुड के होनहार नवोदित कलाकार की व्यथा)

वो हमसे बे इंतेहा रश्क करते है ,
शायद इसीलिए नफरत करते हैं ।

हमारी कामयाबी उन्हें नहीं सुहाती ,
इसीलिए राहों में कांटे बिछाते हैं ।

उनकी जलन इस हद तक होती है ,
महफिलों में हमारा मजाक उड़ाते है।

हम उनसे किसी बात में कम तो नहीं ,
जाने क्यों वो हमें कमतर समझते हैं।

तालीम ,तहजीब ,हुनर औ खूबसूरती में,
हम उनसे कहीं बढ़कर मुकाम रखते है ।

शायद इसीलिए वो रश्क करते है हमसे ,
हमारा हक छीनने में गुरेज नहीं करते हैं।

और इस पर भी जी न भरे इनका तो ,
साजिशन हमारी हस्ती को मिटा देते हैं।

आखिर इतना रश्क, नफरत किसलिए ,
जहां में इंसा सदा के लिए क्या रहते हैं।

आप सिर्फ आज के शहंशाह है जनाब !
अपने मुस्तकबिल का अंजाम जानते हैं ?

हम सूरज है चिराग नहीं पल दो पल के ,
हमें मिटाकर भी आप मिटा नहीं सकते हैं।

हमें यकीन है अपने खुदा के इंसाफ पर ,
गैरों को जलाने वाले खुद ही जल जाते है।

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