रमेशराज की कहमुकरियां
|| कहमुकरी||
होठों से मुस्कान ग़ुम , मन के भीतर टीस
सखी क्या पास न प्रियतम? नहीं ये टीसे सिस्टम |
+रमेशराज
|| कहमुकरी||
हो जातीं हैं आंख नम , प्राण रहें बेचैन
सखी क्या पिया रुलायी? नहीं बैरन मंहगाई |
+रमेशराज
|| कहमुकरी||
घंटों मैं रोई बहुत , वो खायी फटकार
सखी कुछ कहा पिया ने ? नहीं कल मैं थी थाने|
+रमेशराज
|| कहमुकरी||
पल-पल ऑंखें हों सजल , चैन नहीं दिन-रात
सखी बिन दुखी पिया के ? नहीं अब घर में फाके |
+रमेशराज
|| कहमुकरी||
सोचूँ अब मैं क्या करूं, सूझे नहीं उपाय
सखी पिय करते झगड़ा ? बजट री घर का बिगड़ा |
+रमेशराज
|| कहमुकरी||
ऐसे जीने से भला ले ले ईश्वर प्राण
सखी बिन पिय के रोयी? रुलाती सखी रसोई |
+रमेशराज
|| कहमुकरी||
बुरा समय है आजकल , खोया मन का चैन
सखी क्या पिया दुरंगी? नहीं री घर में तंगी |
+रमेशराज
|| कहमुकरी||
रोज-रोज़ का खेल यह , रोज़-रोज़ की पीर
सखी क्या पिय से अनबन ? नहीं री निबटा राशन |
+रमेशराज
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रमेशराज , 15/109 ईसानगर, अलीगढ़