साथ चल के जीं ले जिंदगी अरमानों की...।।
धन की खातिर तन बिका, साथ बिका ईमान ।
मैं जानता हूॅ॑ उनको और उनके इरादों को
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्यों पड़ी है गांठ, आओ खोल दें।
अगर कोई अच्छा खासा अवगुण है तो लोगों की उम्मीद होगी आप उस अव
" from 2024 will be the quietest era ever for me. I just wan
मेघ रुपहले राज छुपा कर, जीवन को हरसाता है।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
शब की ख़ामोशी ने बयां कर दिया है बहुत,
अरे धर्म पर हंसने वालों
Anamika Tiwari 'annpurna '
फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो;
कुछ बिखरे हुए एहसास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)