Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Nov 2020 · 1 min read

रब्ब अग्गे करदां हाँ मैं गल किसानां दी

रब्ब अग्गे करदां हाँ गल किसानां दी
******************************

रब्ब अग्गे करदा हाँ मैं गल किसानां दी
जिन्दगी हो जावे खुशहाल किसानां दी

भूखा,प्यासा रह देश लई अन्न उगांदां है
कर्जे हैंठां दबया कीमती जान गवांदां है
दुख,दर्दां भरी हैगी दास्तान किसानां दी
रब्ब—–

मिट्टी नाल मिट्टी होके मिट्टी हो जांदा है
मिट्टी दी कीमत वास्ते मिट्टी हो जांदा है
मिट्टी उत्ते जिंदजान कुर्बान किसानां दी
रब्ब……

बॉडरां ते जवान पुत कुर्बान हो जांदे नै
वलदे चुल्हे झटपट सुनसान हो जांदे नै
पहाड़ा वरगी होंदी है दहाड़ किसानां दी
रब्ब—-

सियासतदार किसानी नीतियां बनोंदे नै
धरती सूरमे सियासत बलि चढ़ जांदे नै
दिल्ली सीमा ते हालत बुरी किसानां दी
रब्ब…..

मनसीरत दोंवें हथजोड़ अरदासां करदा
सियासी शैली करे आबाद आसां करदा
शंभू सीमा ते न झुके कमान किसानां दी
रब्ब………
******************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

साथ है मेरे सफर में, ये काँटें तो अभी तक
साथ है मेरे सफर में, ये काँटें तो अभी तक
gurudeenverma198
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
“हम अब मूंक और बधिर बनते जा रहे हैं”
“हम अब मूंक और बधिर बनते जा रहे हैं”
DrLakshman Jha Parimal
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय*
-मस्तानी हवाएं -
-मस्तानी हवाएं -
bharat gehlot
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
Neelam Sharma
हिंदी की पदोन्नति का सपना
हिंदी की पदोन्नति का सपना
Sudhir srivastava
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
माना   कि  बल   बहुत  है
माना कि बल बहुत है
Paras Nath Jha
शेर शिवा
शेर शिवा
Jalaj Dwivedi
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
अनुनय (इल्तिजा) हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
स्तुति - दीपक नीलपदम्
स्तुति - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
23/153.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/153.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
' क्या गीत पुराने गा सकती हूँ?'
' क्या गीत पुराने गा सकती हूँ?'
सुरेखा कादियान 'सृजना'
जुते की पुकार
जुते की पुकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
02/05/2024
02/05/2024
Satyaveer vaishnav
शिक्षित लोग
शिक्षित लोग
Raju Gajbhiye
ଆସନ୍ତୁ ଲଢେଇ କରିବା
ଆସନ୍ତୁ ଲଢେଇ କରିବା
Otteri Selvakumar
** शिखर सम्मेलन **
** शिखर सम्मेलन **
surenderpal vaidya
!! आराम से राम तक !!
!! आराम से राम तक !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
बावला
बावला
Ajay Mishra
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
इन गज़लों का हुनर, तेरी आंखों की गुफ़्तुगू
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सीमा पार
सीमा पार
Dr. Kishan tandon kranti
"स्वप्न".........
Kailash singh
सरकार अगर बेटियों के लिए पिस्टल/रिवाल्वर का लाइसेंस आसान व उ
सरकार अगर बेटियों के लिए पिस्टल/रिवाल्वर का लाइसेंस आसान व उ
Anand Kumar
वंदना
वंदना
पंकज परिंदा
जीवन संगिनी
जीवन संगिनी
जगदीश लववंशी
Loading...