रबर की गुड़िया
मेरी प्यारी रबर की गुड़िया,किस देश से आई हैं।
आंखें तेरी झिल की जैसी, अन्दर गहरी खाई है।।
होंठ तेरे गुलाब जैसे है,तु परियों की रानी हैं।
गालों पर है सुरज की लाली, जाने किस देश से आईं है।।
मेरी प्यारी रबर की गुड़िया ,किस देश से आई हैं
सुरत से भोली-भाली, नटखट तेरी अदाएं हैं।
तोतली भाषा ने तेरी, सबके दिलों पे छाई है।।
मेरी प्यारी रबर की गुड़िया, किस देश से आईं है।।
पुतुल (सिवान)