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8 Jan 2022 · 1 min read

रबड़ की मोहर

रबड़ की मोहर

सरपंच का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था। चिरप्रतिद्वंदी चौधरी निहाल सिंह व शिवपाल शर्मा ने अपने-अपने सीरी (खेतिहर मजदूरों) के परिजन चुनाव मैदान में उतारे।
कांटे की टक्कर थी। यह टक्कर अनुसूचित जातियों के प्रत्याशियों की नहीं बल्कि उनके आकाओं की थी। शराब, कबाब व शबाब सब कुछ बांटा गया।
हार-जीत भी अनुसूचित जाति के प्रत्याशियों की नहीं बल्कि उनके आकाओं की हुई।
जीतने वाला प्रत्याशी रबड़ की मोहर से अधिक कुछ नहीं था।

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
2 Likes · 342 Views
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