रफी और कलाम
इस जुलाई माह ने हमसे दो महान शख्सियतें छीनी हैं.
बरसात के साथ आंसुओं की बरसात ने हमारी आँखें भिगोई हैं.
कर्म करते हुएजीवन में दोनों ने ही संसार से है विदा ली.
एक ने संगीत केलिए ,दूजे ने विज्ञानं के लिए खुद को समर्पित किया.
अपने-अपने क्षेत्र के दोनों ही रहे पक्के धरुंधर .
सूरत से सामान्य मगर सद्गुणों से इंसानियत के फ़रिश्ते .
बच्चों के प्यारे , हरदिल अज़ीज़ व् सच्चे देश-प्रेमी दोनों ,
अपनी आदर्श व् उच्चकोटि जीवन से प्रेरणा स्त्रोत बनकर
सच्चे मुस्लमान मगर सभी धर्मो का सम्मान करनेवाले .
जात-पात ,अमीर-गरीब , उंच-नीच का भेद मिटाने वाले .
सिर्फ भारत क्या सारे विश्व के लोगों के दिलों में अपना नाम अमर कर गए.
इन दो महान शख्सियतों को हमारा सलाम .
अनु