Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2023 · 1 min read

*रद्दी अगले दिन हुआ, मूल्यवान अखबार (कुंडलिया)*

रद्दी अगले दिन हुआ, मूल्यवान अखबार (कुंडलिया)

रद्दी अगले दिन हुआ, मूल्यवान अखबार
सुबह-सुबह इतरा रहा, हर दफ्तर घर-द्वार
हर दफ्तर घर-द्वार, सुबह जो सबका प्यारा
खोता निज उजियार, शाम तक ढलता सारा
कहते रवि कविराय, पलटती सबकी गद्दी
जारी काल-प्रवाह, समय करता सब रद्दी

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

318 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
लड़ता रहा जो अपने ही अंदर के ख़ौफ़ से
अंसार एटवी
जिंदगी में सिर्फ हम ,
जिंदगी में सिर्फ हम ,
Neeraj Agarwal
मुसलसल छोड़ देता हूं
मुसलसल छोड़ देता हूं
पूर्वार्थ
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
पंकज परिंदा
सत्ता परिवर्तन
सत्ता परिवर्तन
Shekhar Chandra Mitra
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट  * [ हास्य कुंडलिया 】
*त्योरी अफसर की चढ़ी ,फाइल थी बिन नोट * [ हास्य कुंडलिया 】
Ravi Prakash
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3524.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
अलगौझा
अलगौझा
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
बेचारी माँ
बेचारी माँ
Shaily
मित्रों से अच्छा नहीं,
मित्रों से अच्छा नहीं,
sushil sarna
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi
" इन्तेहाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
दारू से का फायदा
दारू से का फायदा
आकाश महेशपुरी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
प्रेम और भक्ति
प्रेम और भक्ति
Indu Singh
सफर या रास्ता
सफर या रास्ता
Manju Singh
"साहित्यपीडिया" वालों को अपनी प्रोफाइल "लॉक्ड" करने के साथ ए
*प्रणय*
बिड़द थांरो बीसहथी, चावौ च्यारूं कूंट।
बिड़द थांरो बीसहथी, चावौ च्यारूं कूंट।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जितने चंचल है कान्हा
जितने चंचल है कान्हा
Harminder Kaur
ये ज़िंदगी तुम्हारी है...
ये ज़िंदगी तुम्हारी है...
Ajit Kumar "Karn"
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
कोई शाम तलक,कोई सुबह तलक
कोई शाम तलक,कोई सुबह तलक
Shweta Soni
नालन्दा
नालन्दा
Shailendra Aseem
राम है आये!
राम है आये!
Bodhisatva kastooriya
Bye December
Bye December
Deepali Kalra
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
तुम कहो तो कुछ लिखूं!
विकास सैनी The Poet
साया ही सच्चा
साया ही सच्चा
Atul "Krishn"
Loading...