*रद्दी अगले दिन हुआ, मूल्यवान अखबार (कुंडलिया)*
रद्दी अगले दिन हुआ, मूल्यवान अखबार (कुंडलिया)
रद्दी अगले दिन हुआ, मूल्यवान अखबार
सुबह-सुबह इतरा रहा, हर दफ्तर घर-द्वार
हर दफ्तर घर-द्वार, सुबह जो सबका प्यारा
खोता निज उजियार, शाम तक ढलता सारा
कहते रवि कविराय, पलटती सबकी गद्दी
जारी काल-प्रवाह, समय करता सब रद्दी
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451