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21 Aug 2019 · 1 min read

रजनी

रजनी
मादक नयनों में भरे प्रतीक्षा
धैर्य, धधक की पूर्ण परीक्षा
अकुलाया पल, बीता दिनमान
साँझ सनेही का है प्रतिदान
श्याम वसन रंग आई रजनी
शोख कजरों में खिली सजनी
सरस शशि शोभित नील थाल
बिंदुली विभूषित ज्यों हो भाल
बेल बूटे बहुल चूनर चटकारे
जगमग नभ है लिए सितारे
प्रीति प्रतीति मधु आँखें मुँदें
ओस के कण मृदु रस की बूंदें
कोलाहल के तज कटुक याम
सुखकर स्वपन-लोक ललाम
शिथिल, श्रांति सिंचित सिंगार
सौरभसिक्त नव-जीवन संचार
-©नवल किशोर सिंह
15-07-2019
©yenksingh

Language: Hindi
1 Like · 506 Views
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