रचना
न हो नैसर्गिक संभोग का सौन्दर्य
पर‚ सौन्दर्य को प्रदत्त औदार्य।
सृष्टि के अस्तित्व के लिए
किया गया हर विध्वंस
है रचना का मौलिक अंश।
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न हो नैसर्गिक संभोग का सौन्दर्य
पर‚ सौन्दर्य को प्रदत्त औदार्य।
सृष्टि के अस्तित्व के लिए
किया गया हर विध्वंस
है रचना का मौलिक अंश।
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