Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2021 · 1 min read

रचना

न हो नैसर्गिक संभोग का सौन्दर्य
पर‚ सौन्दर्य को प्रदत्त औदार्य।
सृष्टि के अस्तित्व के लिए
किया गया हर विध्वंस
है रचना का मौलिक अंश।
—————————–

Language: Hindi
178 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अरमान
अरमान
इंजी. संजय श्रीवास्तव
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
International Self Care Day
International Self Care Day
Tushar Jagawat
दुख तब नहीं लगता
दुख तब नहीं लगता
Harminder Kaur
खुन लिए
खुन लिए
Kunal Kanth
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
जिंदगी कभी रुकती नहीं, वो तो
Befikr Lafz
लीलाधर की लीलाए -
लीलाधर की लीलाए -
bharat gehlot
उम्र थका नही सकती,
उम्र थका नही सकती,
Yogendra Chaturwedi
“मन में घर कर गया हो अगर,
“मन में घर कर गया हो अगर,
Neeraj kumar Soni
#सुमिरन
#सुमिरन
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Dil ki uljhan
Dil ki uljhan
anurag Azamgarh
राष्ट्र-मंदिर के पुजारी
राष्ट्र-मंदिर के पुजारी
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
सुरक्षित सभी को चलने दो
सुरक्षित सभी को चलने दो
Ghanshyam Poddar
कलियुग है
कलियुग है
Sanjay ' शून्य'
नयी नवेली
नयी नवेली
Ritu Asooja
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
खुले आम जो देश को लूटते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
क्यों आयी तू मेरी ज़िन्दगी में.
क्यों आयी तू मेरी ज़िन्दगी में.
Heera S
😢
😢
*प्रणय*
अवधी स्वागत गीत
अवधी स्वागत गीत
प्रीतम श्रावस्तवी
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
ज़िंदगी का खेल है, सोचना समझना
पूर्वार्थ
|| तेवरी ||
|| तेवरी ||
कवि रमेशराज
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
Shweta Soni
"तुम इंसान हो"
Dr. Kishan tandon kranti
हे भारत की नारी जागो
हे भारत की नारी जागो
Dheerendra Panchal
3237.*पूर्णिका*
3237.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" HYPOTHESIS"
DrLakshman Jha Parimal
औचक निरीक्षण
औचक निरीक्षण
Paras Nath Jha
#विषय नैतिकता
#विषय नैतिकता
Radheshyam Khatik
Loading...