Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2023 · 1 min read

रखो शीशे की तरह दिल साफ़….ताकी

रखो शीशे की तरह दिल साफ़….ताकी
पुल-e सरात का रास्ता हो आसान…
तुले नेकिया ज्यादा
बुराइयाँ हो कम
तो फिर ………………..
सहल हो जाए मंजिले मीज़ान ………shabinaZ

Rakho sheeshe ki terha dil saaf ..taki
Pule-saraat ka rasta ho aasaan
Tule nekiya zyada
Burayiya ho kam
To phir ………..
sahal ho jaye manzile-mizaan…..shabinaZ

326 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from shabina. Naaz
View all
You may also like:
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
पूर्वार्थ
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
अगर मरने के बाद भी जीना चाहो,
Ranjeet kumar patre
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
हम दुनिया के सभी मच्छरों को तो नहीं मार सकते है तो क्यों न ह
Rj Anand Prajapati
*मिट्टी की वेदना*
*मिट्टी की वेदना*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ख़ुद के होते हुए भी
ख़ुद के होते हुए भी
Dr fauzia Naseem shad
🙅बड़ा सच🙅
🙅बड़ा सच🙅
*प्रणय*
कृष्ण मुरारी आओ
कृष्ण मुरारी आओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
ज़िंदगी में अपना पराया
ज़िंदगी में अपना पराया
नेताम आर सी
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
बहुत गुनहगार हैं हम नजरों में
VINOD CHAUHAN
हिंदी हमारी मातृभाषा --
हिंदी हमारी मातृभाषा --
Seema Garg
नेता पलटू राम
नेता पलटू राम
Jatashankar Prajapati
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शब्द क्यूं गहे गए
शब्द क्यूं गहे गए
Shweta Soni
इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
इश्क था तो शिकवा शिकायत थी,
Befikr Lafz
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
हर किसी के लिए मौसम सुहाना नहीं होता,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमारे दुश्मन सारे
हमारे दुश्मन सारे
Sonam Puneet Dubey
बदरी
बदरी
Suryakant Dwivedi
आकांक्षाएं और नियति
आकांक्षाएं और नियति
Manisha Manjari
*बे मौत मरता  जा रहा है आदमी*
*बे मौत मरता जा रहा है आदमी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हमने देखा है हिमालय को टूटते
हमने देखा है हिमालय को टूटते
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
"आखिर में"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम पल्लवन
प्रेम पल्लवन
Er.Navaneet R Shandily
In the bamboo forest
In the bamboo forest
Otteri Selvakumar
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
लोगो खामोश रहो
लोगो खामोश रहो
Surinder blackpen
*रामनगर के विश्व प्रसिद्ध रिजॉर्ट*
*रामनगर के विश्व प्रसिद्ध रिजॉर्ट*
Ravi Prakash
हम सब भी फूलों की तरह कितने बे - बस होते हैं ,
हम सब भी फूलों की तरह कितने बे - बस होते हैं ,
Neelofar Khan
दोहा त्रयी. . . . शीत
दोहा त्रयी. . . . शीत
sushil sarna
Loading...