रखें भावनाओं का ख़्याल
इसमें कोई दो राय नहीं कि हमारी जिंदगी को सरल और कठिन बनाने में हमारे द्वारा बोले गये और लिखे गये शकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यह शब्द ही तो होते हैं, जो किसी के जख्मों पर मरहम बनते हैं तो किसी के जख्मों पर नमक छिड़कने का माध्यम भी बन जाते हैं, इसलिए लिखते और बोलते समय शब्दों के चयन में बहुत ध्यान देना चाहिए कि | आपके द्वारा लिखे गये या बोले गये शब्द किसी की भावनाओं को आहत करने वाले तो नहीं हैं। अगर है तो आपको चाहिए कि आप शब्दों के इस्तेमाल में विशेष सावधानी रखें, क्योंकि यह आपकी मानसिकता की भी दर्शा जाते हैं कि आपकी सोच कितनी अच्छी और कितनी बुरी है। कुछ लोग कटु शब्दावली को हकीकीबयानी से भी जोड़ते हैं, लेकिन मेरे दृष्टिकोण से ऐसी हकीकत पसंदगो किस काम की, जो किसी के दिल को हो दुखा जाये आपके लिखे या बोले गये शब्दों को पढ़कर या सुनकर शर्मिन्दगी का अनुभव करें। बात तो तब हो जब आपके शब्द किसी के दर्द को तसल्ली बखो तो कहीं किसी के दिल में जीने की उम्मीद को जगाने की वजह बन जायें।
आपके द्वारा बोले और लिखे गये शब्द आपको सोच, आपके व्यक्तित्व को क्षणभर में परिभाषित करने की क्षमता रखते हैं, केवल इतना ही नहीं, आपको अच्छी सोच सबका प्रिय भी बनाती है। अगर आप ध्यान दें तो आपको ज्ञात होगा कि अपने मन में अच्छा विचार रखने वाले लोगों के चेहरे पर अच्छाई की एक अलग ही चमक नजर आती है और यह चमक ही उन्हें औरों से अलग करके विशेष बनाती है और यह चमक हमें सदैव दूसरों से अच्छा बोलकर ही मिलती है। आपके द्वारा बोले और लिखे गये गलत शब्दों का प्रयोग आपकी विकृत मानसिकता को प्रदर्शित करते हैं, वहीं दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने, दिल दुखाने और आंखों में किसी के आंसुओं की वजह भी बन जाते हैं।
यह जिंदगी बहुत छोटी है, कब क्या हो, कौन साथ रहे कौन बिछड़ जाये, कुछ पता नहीं। आपकी कोशिश इस छोटी सी जिंदगी को खूबसूरत बनाने की होनी चाहिए। वह सकारात्मक कोशिश आप अच्छी बातों, अच्छे शब्दों के प्रयोग से भी कर सकते हैं। वैसे भी हमारी सोच निरंतर अपनी | आदतों में, शब्दों के प्रयोग में सुधार लाने की होनी चाहिए, औरों में कमियां तलाश करने के विपरीत खुद की खामियों को दूर करने की होनी चाहिए औरों को अपनी अपेक्षाओं पर खरा उतरता हुआ देखने के विपरीत दूसरों की अपेक्षाओं पर स्वयं को खरा उतारने की होनी चाहिए। किसी से भी बदले की भावना न रखें, क्योंकि इंसान का स्वभाव भूलना है, इसलिए बरसों पुरानी सीख को याद रखें नेकी करें और दरिया में डालें और इस बात पर यकीन रखें कि आपकी अच्छी बातों को, आपके अच्छे कार्यों को कोई देखे या न देखे हमारा रब देख रहा है और वैसे भी अच्छाई कभी जाना नहीं जाती, इसलिए जरूरत केवल आपको स्वयं में अच्छे विचारों, अच्छे गुणों व अच्छी सोच रखने की है। जैसे वैसे ही लेकिन अपने अंदर धीरे-धीरे अच्छी भावनाओं को भी सम्मिलित करने चलिए देशमा एक दिन आपका सम्पूर्ण व्यक्तित्व हो निखर जायेगा, मन की खूबसूरती जहां आपके शब्दों को वहीं आपकी रूह के निखार की वजह भी बनती है, इसलिए आप जब भी शब्दों का प्रयोग लिख और बोलने में करें तो एक बार ज सोचें कि यह शब्द किसी को तकलीफ पहुंचाने वाले तो नहीं अच्छे शब्दों का प्रयोग करके तो देखिए उनका असर कितना प्रभावशाली होता है। आप देखकर हैरान रह जाएंगे। बहरहाल, अब यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप किसी की आंखों में आंसुओं की वजह बनते हैं या लबों पर आई मीठी-सी मुस्कुराहट की।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद