*रखिए जीवन में सदा, उजला मन का भाव (कुंडलिया)*
रखिए जीवन में सदा, उजला मन का भाव (कुंडलिया)
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रखिए जीवन में सदा, उजला मन का भाव
जीवन जीने का रहे, मन में गहरा चाव
मन में गहरा चाव, मरण की छाया हारे
आह्लादित हो सृष्टि, स्वस्थ हों जन अब सारे
कहते रवि कविराय, स्वाद सेहत का चखिए
रहिए आशावान, आस निज मन में रखिए
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451