Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2022 · 1 min read

रक्षा बंधन

राखी का त्योहार है आया,बहन ने भाई के घर का टिकट मंगाया।
लेकर लड्डू गुंजिया और कचोरी, भैय्या भाभी तक पहुंचाया।।
पहुंच भाई के घर ने बहना,भाई भाभी को गले लगाया।
भाभी ने घर को खूब सजाया,ननद पर अपना प्यार लुटाया।।
कैसे बीत गया दिन कल का,कोई भी यह समझ ना पाया।
इंतजार अब हुआ खत्म और, रक्षांबधन का दिन आया।।
खूब करी तैयारी मिलकर, भाभी का भैय्या भी घर पर आया।
किया तिलक भैय्या भाभी के,और रक्षा का यह त्योहार मनाया।।
कहे विजय बिजनौरी सबसे,भाई बहन के इस त्योहार पर।
मिलजुलकर ऐसे ही रहना, प्रभु कृपा बनी रहेगी सब पर।।

विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी

Language: Hindi
3 Likes · 227 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from विजय कुमार अग्रवाल
View all
You may also like:
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
मानव निर्मित रेखना, जैसे कंटक-बाड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
!! कोई आप सा !!
!! कोई आप सा !!
Chunnu Lal Gupta
रक्त दान के लाभ पर दोहे.
रक्त दान के लाभ पर दोहे.
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
पिटूनिया
पिटूनिया
अनिल मिश्र
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
दिल को तेरी
दिल को तेरी
Dr fauzia Naseem shad
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
निष्काम,निर्भाव,निष्क्रिय मौन का जो सिरजन है,
ओसमणी साहू 'ओश'
*सबके भीतर हो भरा नेह, सब मिलनसार भरपूर रहें (राधेश्यामी छंद
*सबके भीतर हो भरा नेह, सब मिलनसार भरपूर रहें (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
"अल्फ़ाज़ "
Dr. Kishan tandon kranti
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
दिल में मेरे
दिल में मेरे
हिमांशु Kulshrestha
भावना का कलश खूब
भावना का कलश खूब
surenderpal vaidya
भव- बन्धन
भव- बन्धन
Dr. Upasana Pandey
कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
Ashwini sharma
सौ बार मरता है
सौ बार मरता है
sushil sarna
3280.*पूर्णिका*
3280.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिता का गीत
पिता का गीत
Suryakant Dwivedi
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
ଆପଣଙ୍କର ଅଛି।।।
Otteri Selvakumar
उसने कहा तुम मतलबी बहुत हो,
उसने कहा तुम मतलबी बहुत हो,
Ishwar
आत्मा नित्य अखंड है, जहाँ नहीं कुछ भेद।
आत्मा नित्य अखंड है, जहाँ नहीं कुछ भेद।
Dr. Sunita Singh
मजदूर
मजदूर
Dr Archana Gupta
जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता।
जनहित में अगर उसका, कुछ काम नहीं होता।
सत्य कुमार प्रेमी
अच्छी तरह मैं होश में हूँ
अच्छी तरह मैं होश में हूँ
gurudeenverma198
आदमी कई दफ़ा झूठ बोलता है,
आदमी कई दफ़ा झूठ बोलता है,
Ajit Kumar "Karn"
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
Keshav kishor Kumar
भारत में सबसे बड़ा व्यापार धर्म का है
भारत में सबसे बड़ा व्यापार धर्म का है
शेखर सिंह
तीन बुंदेली दोहा- #किवरिया / #किवरियाँ
तीन बुंदेली दोहा- #किवरिया / #किवरियाँ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय*
The Lost Umbrella
The Lost Umbrella
R. H. SRIDEVI
Loading...