रक्षा बंधन
राखी का त्योहार है आया,बहन ने भाई के घर का टिकट मंगाया।
लेकर लड्डू गुंजिया और कचोरी, भैय्या भाभी तक पहुंचाया।।
पहुंच भाई के घर ने बहना,भाई भाभी को गले लगाया।
भाभी ने घर को खूब सजाया,ननद पर अपना प्यार लुटाया।।
कैसे बीत गया दिन कल का,कोई भी यह समझ ना पाया।
इंतजार अब हुआ खत्म और, रक्षांबधन का दिन आया।।
खूब करी तैयारी मिलकर, भाभी का भैय्या भी घर पर आया।
किया तिलक भैय्या भाभी के,और रक्षा का यह त्योहार मनाया।।
कहे विजय बिजनौरी सबसे,भाई बहन के इस त्योहार पर।
मिलजुलकर ऐसे ही रहना, प्रभु कृपा बनी रहेगी सब पर।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी