रक्षाबंधन
भाई बहन के असीम प्रेम को
फिर से अटूट गढ़ाता है ,
राखी की डोर कलाई पर ,
बहना की स्मरण दिलाती हैं।
राखी को अवलोकन करने पर ,
लगता एक धागे की डोर है ,
पर इस धागे की अहमियत ,
इस संसार में सबसे प्रचुर है।
रक्षाबंधन के पावन त्योहार के पीछे ,
अलग – अलग पौराणिक कथाएं है ,
उज्जवल भविष्य की कामना करते ,
भाई बहन एक – दूसरे के जीवन में।
दाहिनी कलाई पर बहना ,
भाई को बाँधती राखी है ,
लंबी उम्र की कामना करती ,
हमारी प्यारी – सी बहना है ।
भाई बहन को वचन देता
उसकी रक्षा सदैव करेगा
विषम परिस्थितियों में वह
संरक्षण उसे सदैव देगा।
हिन्दू और जैन त्योहारों में ,
सबसे अनमोल यह त्योहार ,
श्रावण मास की पुर्णिमा में ,
मनाया जाता यह त्योहार।
आर्यवर्त के अलावा भी ,
अन्य देशों में मनाया जाता ,
भाई बहन के प्यार का ,
यह अनोखा पावन त्योहार।
राखी महँगी हो या सस्ती ,
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ,
फर्क तभी पड़ता भाई को ,
जब रह जाती कलाई सूनी है।
भाई बहन की खुशियों का ,
न होता कोई ठिकाना है ,
जब आमद होता रक्षाबंधन ,
प्रसन्नता से झूम उठता मन है।
भारत के काव्य ग्रंथों में ,
सबसे प्रचुर सम्मान है ,
ऐसा ऐतिहासिक हिन्दू पर्व यह ,
अनोखा रक्षाबंधन का त्योहार है।
✍️✍️✍️उत्सव कुमार आर्या