“रक्षाबंधन”
बहनें-भाइयों के कलाई पर
राखी बांधती,
उनकी लम्बी उम्र की ईश्वर
से दुआ मांगती।
स्नेह पवित्र रिश्तों का होता
जहाँ संगम,
है कितना प्यारा भाई-बहन
का त्योहार रक्षाबंधन।
भावनाओं का जहां हो मधुर
मिलन,
बहन -भाई से लेती अपने
रक्षा का वचन।
रेशम के धागे में झलकता है
प्यार,
है कितना खूबसूरत श्रावणी
का त्योहार।
है राखी रिश्तों को मजबूत
करने का बँधन,
भाई-बहन एक-दूसरे के प्रति
करते कर्तव्यों का पालन।
हैं ऐसा एक पर्व रक्षाबन्धन,
भाई को बहन के प्रति बनाता
सदैव कर्तव्यपरायण।
यह त्योहार हमारी संस्कृति की
पहचान है,
हर भाई का अपनी बहन की
जिंदगी में विशेष स्थान है।
नैतिक भावों को मिलती है
इससे खुशी,
धन्य-धन्य है भाई-बहन का
त्योहार सलोनी।
स्वरचित एवं मौलिक-
आलोक पाण्डेय गरोठ वाले