रक्त
“रक्त”
एक पल की जिन्दगी
और दो का वक्त ,
टुटते है रिश्ते-नाते
पर जोड़ता है रक्त ।
तेरा खुन भी लाल
और मेरा भी लाल,
सभी धर्मो को एक पल
जोड़ता है रक्त ।
तू है घायल तो देता हू मै
मै हू तो देता है तू ,
नही पूछता कोई धर्म
क्योकि तब जोड़ता है रक्त ।
न तू मुझसे खफ़ा
न मै तुझसे खफ़ा,
लाख बाटे कोई हमे
पर जोड़ता रहेगा रक्त।