रक्त रंजित सा दिखा वो, बादलों की ओट से।
रक्त रंजित सा दिखा वो, बादलों की ओट से।
मृत समझ बैठे थे वो, अपनी दगा की चोट से।
जगमगाता उद्गम हुआ जब, आंख न मिला सके।
आश्चर्य से मुर्हुक्षित हुए वो, तेज सांवरे देख कर।
रक्त रंजित सा दिखा वो, बादलों की ओट से।
मृत समझ बैठे थे वो, अपनी दगा की चोट से।
जगमगाता उद्गम हुआ जब, आंख न मिला सके।
आश्चर्य से मुर्हुक्षित हुए वो, तेज सांवरे देख कर।