*और ऊपर उठती गयी.......मेरी माँ*
कठिन परिश्रम कर फल के इंतजार में बैठ
एक मुठी सरसो पीट पीट बरसो
नज़रें बयां करती हैं, लेकिन इज़हार नहीं करतीं,
#गहिरो_संदेश (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
**प्यार भरा पैगाम लिखूँ मैं **
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
कौन कितने पानी में है? इस पर समय देने के बजाय मैं क्या कर रह
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
किसी और के संग ऐसा मत करना
भाव में,भाषा में थोड़ा सा चयन कर लें
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे