रंग
रंगों का त्योहार मुबारक,
होली का हुड़दंग मुबारक।
खुशियां आए बनके बहार
सुख समृद्धि का त्योहार मुबारक।।
बसंती फाग की बयार मुबारक,
बचपन का वो रंग मुबारक।
रंगों का वो अल्हड़पन
मदमस्त मौसम का खुमार मुबारक।।
गुंझियां की मिठास मुबारक,
अपनों का हो प्यार मुबारक।
चुपके से गाल रंगकर
चेहरे की वो मुस्कान मुबारक।।
राधा श्याम की लट्ठमार मुबारक,
ब्रज की गोपियों का फाग मुबारक।
इन्द्रधनुषी रंग चढ़ा सब पर
होली का हर रंग मुबारक ।।
सत्येन्द्र प्रसाद साह (सत्येन्द्र बिहारी)