रंग
रंग प्रेम का हो तो दिखता अच्छा है।
रंग हो मर्यादा का तो और सजता है।।
रंग नफरतों का हो तो उसे रंग नहीं कहते।
इससे ही अच्छा है जब रंग ही न हो।
बस रंग यह बात हर बार कहता है।
रंग प्रेम का हो तो दिखता अच्छा है।
रंग हो मर्यादा का तो और सजता है।।
रंग नफरतों का हो तो उसे रंग नहीं कहते।
इससे ही अच्छा है जब रंग ही न हो।
बस रंग यह बात हर बार कहता है।