रंग बेरंग
✒️?जीवन की पाठशाला ?️
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की इंसान के जीवन में उन सपनों और सफलताओं का कोई महत्व नहीं जहाँ उन सपनों को सफलता की हकीकत में उसने कितने अपनों के साथ छल करके हासिल किया हो …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की रिश्तों का ना होना दुखद है परन्तु रिश्तों के होते हुए -अपनेपन -अहसास -विश्वास -श्रद्धा और प्रेम का मर जाना दुखद से कहीं ज्यादा पीड़ादायक है …,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब समय की खिलाफत और मार के कारण हालात भी आपके दुश्मन हो जाएं तो गैरों के ही नहीं अपनों के भी ऐसे ऐसे रंग आपके सामने आते हैं जो आपको बेरंग कर जाते हैं …,
आखिर में एक ही बात समझ आई की अपनी बातें अपने दिल में ही रखनी चाहिए क्यूंकि यहाँ हर कोई आपके सपनों -अहसासों -और जज्बातों के साथ खेलता है ,बस उन्हें मौके का इंतज़ार होता है …!
बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा ?सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क ? है जरुरी …!
?सुप्रभात?
स्वरचित एवं स्वमौलिक
“?विकास शर्मा’शिवाया ‘”?
जयपुर-राजस्थान