रंग बदलते रिश्ते
सियासत में कोई किसी का नहीं,
हर रिश्ता यहां बेमानी सा।
गिरगिट की तरह रंग बदलते कैसे लोग ?
आलम यहां हैरानी सा ।
सियासत में कोई किसी का नहीं,
हर रिश्ता यहां बेमानी सा।
गिरगिट की तरह रंग बदलते कैसे लोग ?
आलम यहां हैरानी सा ।