रंग दो
रंग दो अपने रंग में,
तुझमें और मुझमें कोई भेद न रहे l
दे दो मुझे कर्ण ऐसे,
न बोली बात भी, सुन पाऊं l
दे दो ऐसी खुशबु मुझे,
बहती हवा में, तुझे महसूस कर पाऊं l
दे दो ऐसी दृष्टि मुझे,
अदृश्य होकर भी, दर्शन कर पाऊं l
बना दो न मुझे ऐसा,
तेरे नाम में ही मैं, मिल जाऊं l