रंग दे बसंती चोला
स्वतंत्रता सेनानी – भगत सिंह आजाद
शीर्षक — रंग दे बसंती चोला
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भारत भू का मान बढ़ाने, जो मानव बलिदान हुए ।
वीर सपूतों के गिनती में, उनके जन्म महान हुए।।
ऋषियों की पावन भूमि में,जिस पल विपदा भारी थी।
भारत का अस्तित्व मिटाने, की पूरी तैयारी थी।
भले तड़पते इस भारत को ,कितने वर्षो बाद मिले।
हमें किशन विद्या के घर से,भगत सिंह आजाद मिले।
संसद में बम फोड़ा जिसने, आजादी के शान हुए।
वीर सपूतों के गिनती में, उनके जन्म महान हुए।।
जिस पर युग तक गर्व रहेगा,सारे भारतवासी को।
चढ़ने के पहले चूमा था,भगत सिंह ने फाँसी को।
कट जाना मंजूर जिसे था, झुकना नामंजूर रहा।
रंग बसंती चोला में जो, निज जीवन भर चूर रहा।
हर दिन जिनके मुख से पावन,वन्देमातरम गान हुए।
वीर सपूतों के गिनती में , उनके जन्म महान हुए।।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” ✍️✍️