रंग के ढंग
रंगों का है त्यौहार
एक रंग और घुल गया
बिछड़े हुए थे आज जो
वे भी अब मिल गये
एक रंग हम पर चढ़ा
खून में वह मिल गया
रंगों की ये टोलियां
सबके दिल की बोलियां
सतरंगी सब हो गए
एक रंगों को छोड़ दिया
भेद नहीं है अब इनमें
रंगों ने अब ओढ़ लिया
सुख-दुख के सागर में
रंगों ने रुख मोड़ दिया
अजब गजब का है व्यवहार
खूब मनाओ रंग त्यौहार
रंग में रंग दो उनको भी आज
दूर रहे या दिल के पास ।