Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2024 · 1 min read

रंग अलग है

नवगीत
~~
रंग अलग है ढंग अलग है।
बीत रहे हर पल जीवन के।

बारिश की बूंदाबांदी में,
देखो भीग रही धरती है।
लोगों के तन मन पर भी तो,
खूब छा रही प्रिय मस्ती है।
निखर रहे जल की बूंदों सँग,
रंग अल्पना में आंगन के।

आपस की बातों में उलझे,
बहक रहे हैं लोग देखिए।
प्रीति भरी कुछ मन से निकली,
बातों के शुभ योग देखिए।
भाव स्नेह के छलक रहे जब,
वश में कब रहते यौवन के।

सबका अपनी अपनी डफ़ली,
राग अलग सबका अपना है।
सबकी आंखों में जीवन का,
प्यारा सा सुख का सपना है।
कुदरत की अनबूझ पहेली,
खूब खिला हर वन उपवन है।

रंग अलग है ढंग अलग है।
बीत रहे हर पल जीवन के।
~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 46 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Neerja Sharma
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता हरेला
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता हरेला
Rakshita Bora
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
- दिल की धड़कन में बसी हो तुम -
- दिल की धड़कन में बसी हो तुम -
bharat gehlot
उसने कहा कि मैं बहुत ऊंचा उड़ने की क़ुव्व्त रखता हूं।।
उसने कहा कि मैं बहुत ऊंचा उड़ने की क़ुव्व्त रखता हूं।।
Ashwini sharma
👨🏻‍🎓वकील सहाब 👩‍💼
👨🏻‍🎓वकील सहाब 👩‍💼
Dr. Vaishali Verma
“मिल ही जाएगा”
“मिल ही जाएगा”
ओसमणी साहू 'ओश'
जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे
जिस डाली पर बैठो हो,काट न बंधु डाल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*पूजा में चढ़ते मधुर, चंपा के शुभ फूल (कुंडलिया)*
*पूजा में चढ़ते मधुर, चंपा के शुभ फूल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"क्या लिखूं क्या लिखूं"
Yogendra Chaturwedi
कुंडलिनी
कुंडलिनी
Rambali Mishra
अचानक
अचानक
Nitin Kulkarni
जग में उजास फैले
जग में उजास फैले
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
दुर्बल तुम केवल मन से हो
दुर्बल तुम केवल मन से हो
Priya Maithil
समाज में परिवार की क्या भूमिका है?
समाज में परिवार की क्या भूमिका है?
Sudhir srivastava
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
2526.पूर्णिका
2526.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
पोषण दर्द का
पोषण दर्द का
पंकज परिंदा
मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की 313वीं कवि गोष्ठी रिपोर्ट
मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की 313वीं कवि गोष्ठी रिपोर्ट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"" वार दूँ कुछ नेह तुम पर "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
चंदा मामा सुनो मेरी बात 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दादी और बचपन
दादी और बचपन
Savitri Dhayal
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
जब भी सोचता हूं, कि मै ने‌ उसे समझ लिया है तब तब वह मुझे एहस
पूर्वार्थ
हक़ीक़त है
हक़ीक़त है
Dr fauzia Naseem shad
" मौन "
Dr. Kishan tandon kranti
"मैं एक पिता हूँ"
Pushpraj Anant
😊आज का नारा😊
😊आज का नारा😊
*प्रणय*
Loading...