रंग, अबीर- गुलाल उड़ाएं होली में
रंग, अबीर- गुलाल उड़ाएं होली में
दुश्मन को भी मीत बनाएं होली में
कुदरत ने क्या खूब बनाई रंगोली
मीठी खुशबू मस्त हवाओं में घोली
आओ गम को दूर करें अपने दिल से
आशाओं की जोत जलाएं होली में
रंग ,अबीर- गुलाल उड़ाएं होली में
रूप बसंती देख धरा इतराई है
घड़ी सुहानी पिया मिलन की आई है
आंखों में भी स्वप्न सजे अब सतरंगी
रीत प्रेम की खूब निभाएं होली में
रंग, अबीर- गुलाल उड़ाएं होली में
मैं राधा हूँ और श्याम तुम हो मेरे
मन रँग लूँगी आज रंग में मैं तेरे
हो जाएं फिर एक बँधे बंधन में यूँ
वृंदावन सा रास रचाएं होली में
रंग, अबीर- गुलाल उड़ाएं होली में
06-03-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद