Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jul 2023 · 2 min read

रंगो ने दिलाई पहचान

प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में चुनौतियों का सामना अवश्य करना पड़ता है। बहुत से लोग जीवन में आने वाली चुनौतियों के सामने घुटने टेक देते हैं। इसके विपरीत कुछ लोग जीवटता का परिचय देकर सफलता की नई इबारत गढ़ देते हैं। दिल्ली की रहने वाली रोशनी सिन्हा ने भी अपनी सकारात्मक सोच से जीवन में आई चुनौतियों का न केवल डटकर सामना किया है बल्कि अपनी जीवटता और संघर्ष के बूते उन पर विजय पाकर यह साबित भी किया है कि जीवन में कुछ भी “असंभव”नहीं होता। दरअसल 24 वर्षीय रोशनी सिन्हा बेहतरीन पेन्टिंग्स बनाकर लोगों को अपनी कला का मुरीद बना चुकी हैं।

रोशनी को पेटिंग्स बनाने में बचपन से ही खासी दिलचस्पी रही है। युवा अवस्था तक आते-आते इन्होंने कला के क्षेत्र में ही अपनी पहचान बनाने की ठान ली थी । मूलरूप से बिहार राज्य के छपरा जिले की रहने वाली रोशनी के पिता त्रिभुवन राम आर्मी की वर्कशॉप 505 में दिल्ली राज्य में ही कार्यरत हैं। अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में त्रिभुवन राम ने कोई कसर नहीं छोड़ी। रोशनी ने भी अपनी कला को निखारने के लिए ग्रेजुएशन के पश्चात फाइन आर्ट में आईटीआई तथा फाइन आर्ट में ही पॉलीटेक्निक से 3 वर्षीय डिप्लोमा पूर्ण किया है।

रोशनी बताती हैं कि उन्हें मालवीय नगर आई. टी .आई में कार्यरत अर्चना मैडम से कला की काफी बारीकियाँ सीखने को मिली है। रोशनी का कहना है कि मैंने अर्चना मैडम से काफी कुछ सीखा है। इसके अतिरिक्त रोशनी को विख्यात पेंटर ‘पृथ्वी वासी’ की पेंटिंग्स भी आकर्षित करती हैं। रोशनी का कहना है कि पृथ्वी सर की पेंटिंग्स मुझे हमेशा कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करती हैं। पेंटिंग्स करने के अतिरिक्त रोशनी की खेलों में भी खासी रूचि है। घर पर खाली समय मिलने पर वह अवश्य खेलती हैं।

रोशनी अपनी माँ सुशीला देवी के काफी करीब रहीं हैं। बचपन में जब रोशनी रंगों के साथ अठखेलियाँ करती थी तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि यहीं रंग और तूलिका एक दिन उन्हें इतनी ख्याति तथा सम्मान दिलाएंगे।रोशनी तूलिका तथा रंगों से स्कूली दिनों में उत्कृष्ट चित्रकारी करके कई पुरस्कार जीत चुकी हैं। लोग उनकी पेंटिग्स की मुक्त कंठ से सराहना करते हैं।मानवीय छवियों के अतिरिक्त रोशनी प्रकृति के विविध प्रारूपों को अपनी पेंटिंग्स में समेट चुकी हैं। इसके अतिरिक्त महापुरुषों की छवियों को भी उन्होंने अपनी तूलिका से मूर्त रूप देकर जीवंत किया है। कला प्रतिस्पार्धाओं में अव्वल रहने वाली रोशनी सिन्हा को कई संस्थाएँ सम्मानित कर चुकी हैं।

“उड़ान उत्सव” संस्था के मंच पर बीजेपी नेता मनोज तिवारी भी रोशनी को सम्मानित कर चुके हैं। रोशनी प्रतिदिन पेंटिग्स बनाने का कार्य अवश्य करती हैं। उनका मानना है कि निरन्तर अभ्यास से ही कार्य में उत्कृष्टता आती है। यह इनकी निरंतर अथक मेहनत का ही नतीजा है कि रोशनी अपने जज्बे और मेहनत से अपनी चित्रकारी में वह खुशबू रूपी रंग भर देती है जिसे देखने वाले मंत्र मुग्ध हो जाते हैं।

नसीब सभ्रवाल”अक्की”
गांव बाँध, पानीपत हरियाणा
Mo.- 9716000302

1 Like · 354 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कितनी गौर से देखा करती हैं ये आँखें तुम्हारी,
कितनी गौर से देखा करती हैं ये आँखें तुम्हारी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ढूंढें .....!
ढूंढें .....!
Sangeeta Beniwal
19)”माघी त्योहार”
19)”माघी त्योहार”
Sapna Arora
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
वो जो हूबहू मेरा अक्स है
Shweta Soni
तू लाख छुपा ले पर्दे मे दिल अपना हम भी कयामत कि नजर रखते है
तू लाख छुपा ले पर्दे मे दिल अपना हम भी कयामत कि नजर रखते है
Rituraj shivem verma
अव्दय
अव्दय
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
4668.*पूर्णिका*
4668.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं तुझ सा कोई ढूंढती रही
मैं तुझ सा कोई ढूंढती रही
Chitra Bisht
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
कुछ खो गया, तो कुछ मिला भी है
Anil Mishra Prahari
*राम तुम्हारे शुभागमन से, चारों ओर वसंत है (गीत)*
*राम तुम्हारे शुभागमन से, चारों ओर वसंत है (गीत)*
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
"वाह जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
आकांक्षाएं और नियति
आकांक्षाएं और नियति
Manisha Manjari
मैं सिर्फ उनके लिए लिखता हूं
मैं सिर्फ उनके लिए लिखता हूं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
नारी के मन की पुकार
नारी के मन की पुकार
Anamika Tiwari 'annpurna '
अपने एहसास
अपने एहसास
Dr fauzia Naseem shad
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
আমায় নূপুর করে পরাও কন্যা দুই চরণে তোমার
Arghyadeep Chakraborty
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
* श्री ज्ञानदायिनी स्तुति *
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
सूर्य की उपासना
सूर्य की उपासना
रुपेश कुमार
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
सत्य कुमार प्रेमी
हे बुद्ध
हे बुद्ध
Dr.Pratibha Prakash
सत्य तत्व है जीवन का खोज
सत्य तत्व है जीवन का खोज
Buddha Prakash
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
कुण्डलिया छंद #हनुमानजी
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
विषय _  इन्तजार दूरी का
विषय _ इन्तजार दूरी का
Rekha khichi
शिक्षक सभी है जो उनको करते नमन
शिक्षक सभी है जो उनको करते नमन
Seema gupta,Alwar
प्रकृति का प्रकोप
प्रकृति का प्रकोप
Kanchan verma
#𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
#𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
DrLakshman Jha Parimal
परम लक्ष्य
परम लक्ष्य
Dr. Upasana Pandey
अश्रु से भरी आंँखें
अश्रु से भरी आंँखें
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
Loading...